सोमवार, 31 दिसंबर 2012

दामिनी चली गयी कहीं हमसे दूर..


कानों में यकायक उठी बेबस सी सिसकियां
मैंने पलट के देखा तो इक लड़की थी वहाँ
जब गौर से देखा तो आसमान फट गया

जो चल बसी वो मेरी बहन थी खड़ी वहाँ

देखा तो मुझे दर्द का सैलाब फट पड़ा
आँखों में उसके जुल्म का तूफान फट पड़ा
पूछा जब उसने भाई तू क्यों नहीं आया
गैरों ने देख क्या किया तू क्यों नहीं आया

वो चोट जिस्म पर लिए चुपचाप खड़ी थी
वहशत के निशाँ तन पे थे पर मौन खड़ी थी
छह मर्दों की नामर्दी से अकेली लड़ी थी
आखिर में उसे लेने को फिर मौत खड़ी थी

तन खून से लथपथ था आँचल गिरा लिया
सर उसने मेरी बाँह में अपना छिपा लिया
मंजर ये देख पत्थर दिल भी पिघल गए
सूरज ने भी ये देख खुद को छिपा लिया

वो बोली क्या राखी है बस धागे का एक नाम
क्या बहन की हिफाजत भाई का नहीं काम?
दुशासनों ने फिर से घसीटी है द्रौपदी
क्यों कृष्ण ने बचाया नहीं बहन का सम्मान?

राखी है नाम भाई का बहनों को बचाना
राखी है नाम मर्द का औरत को बचाना
राखी है नाम अजनबी को बहन बनाना
फिर बहन की रक्षा में जी जान लगाना

पर यहाँ तो दस्तूर हैं हैवानों के जारी
खुद अपने ही होते हैं कई बार शिकारी
हर एक की जुबां पे हैं माँ बहन की गाली
हर एक जबां गंदी है हर आँख है काली

हे भाई तू सब बहनों की रक्षा सदा करना
दुशासनों की दुनिया में श्रीकृष्ण तुम बनना
हर द्रौपदी के सर पे अपना हाथ बढ़ाना
मानवता क्या होती है ये दुनिया को दिखाना

इतना था कहना उसका कि वो मंद हो गई
इस भाई के हाथों में वो विलीन हो गयी
दुनिया के सफर को यहीं पे खत्म कर चली
भगवान की गोदी में कहीं दूर हो चली.. 


ये कविता मेरी नहीं है --- ये मेरे एक फेसबुक मित्र अग्निवीर ने लिखी है... 

गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

अजीब अफसाना है...


अब अपने हर गम को दुनिया से छुपाना है,
उसके दिए ग़मों में भी हरदम मुस्कुराना है,
मुझे नहीं है शिकायत अब भी उस से कोई,
होगी मजबूरी तभी तो  दूर रहने का ठाना है,
कभी वो मुझे अपनेआप से बढकर चाहता था,
आज वक़्त है कि वो मुझसे ही बेगाना है,
कभी पल पल की रखता था जो खबर मेरी,
आज के वक़्त वो मेरी हर बात से अनजाना है,
वो भूल गया मुझको मैं आज भी उसे चाहता हूँ,
अजीब है मेरी जिंदगी और अजीब अफसाना है...

माँ बाप हैं बहुत ही अनमोल....


माँ बाप हैं बहुत ही अनमोल,
बच्चे नहीं समझते उनका मोल,
जाके पूछो जिनके माँ बाप नहीं,
वही बता पायेंगे माँ बाप का मोल,
मान बाप चाहते हैं बच्चों कि ख़ुशी सदा,
बच्चे क्यूँ कतराते हैं माँ बाप से सदा,
बच्चे नहीं समझते माँ बाप के बलिदान को,
बन जाते हैं एक नारी के गुलाम वो,
देते हैं दिन रात दुःख बीबी के चक्कर में,
भूल जाते वो कितने दुखी रहे उनके चक्कर में,
इतने पर भी माँ बाप कुछ नहीं कहते,
बच्चे खुश रहे सदा बस यही दुआ देते,
वक़्त है समझ जाओ माँ बाप का रोल,
क्यूंकि माँ बाप हैं बहुत ही अनमोल....

मोदी भाई अबकी बार...


देश को बहुत लूट लिया,
सुख चैन भी छीन लिया,
स्कूल नहीं रहे पड़ने को,
घर नहीं रहे हैं रहने को,
FDI आ गई लूटने को,
सोनिया ने किया बर्बाद,
कहके खान्ग्रेस जिंदाबाद 




अब जनता को जागना होगा,
अपना भला खुद देखना होगा,
मोदी भाई का साथ दें तो,
हर पल अपना चैन से होगा,
धरती माँ कर रही है पुकार,
मोदी भाई अबकी बार...


जय हिन्द..   जय मोदी..

मोदी राज्य लाना है...


खान्ग्रेस ने हमको कदम कदम पे लूटा है,
दो वक़्त का खाना भी हमारे मुंह से छूटा है,
कपडे भी नहीं गरीब के पास तन ढकने को,
स्कूल नहीं रहे गरीबों के बच्चों को पढ़ने को,
घुट घुट के जैसे तैसे जीवन काट रहा गरीब,
FDI जैसों को लाकर करना चाहे उसे फ़कीर,
२०१४ में हमें एकजुट होके देश बचाना है,
गुजरात क्या मोदी को दिल्ली तक लाना है,
मोदी बिना देश की जनता बहुत ही लाचार है,
मोदी जी की हार में आम जानता की हार है...


जय हिंद..... जय मोदी....

सब तुमसे है...


मेरी जिंदगी में सुबह शाम तुमसे है,
मेरी कश्ती मेरी हश्ती सब तुमसे है,
मिले जितने भी दुःख सब तुमसे मिले,
लेकिन मेरी तमाम खुशियाँ भी तुमसे हैं,
पागल हो चुका हूँ मैं तेरे प्यार में अब,
अब दिल धड़कता भी बस तुमसे ही है,
जब भी तू याद आई तेरा नाम लिख दिया,
अब मेरा चैन और सुकून बस तुमसे है,
बुरे और अच्छे का सबब भगवान् जाने,
हमारी बुराई और अच्छाई भी तुमसे है,
मैं बस इतना ही कह सकता हूँ तुझसे अब,
मेरी जिंदगी और मौत भी अब तुझसे है...