ना बताऊंगा तेरी बेबफाई के
किस्से किसीको,
मेरी जान मैंने तुम्हे अपना
माना बहुत है..
दिल धडकता है अब बस तेरे ही
नाम से,
इस दिल ने जान तुझको पुकारा
बहुत है..
आँखें अब बस देखना चाहें
तेरे ही ख्वाब,
इन आँखों ने कभी तुझे
निहारा बहुत है..
जब भी दुआ मांगी है बस तुझे
ही माँगा,
मेरी जान मैंने तुझे चाहा ही
बहुत है..
जब भी तनहा होता हूँ तू याद
आती है,
मेरे इस दिमाग ने तुझको
सोचा बहुत है..
देखता हूँ रातभर बैठकर मैं
अब चाँद को,
आँखों से बहती अब बरसात
बहुत है..
सोचता हूँ तुझे इस दिल से
निकाल फेंकू,
लेकिन इस दिल में तेरी
यादें बहुत है..
चाहा कि तुझे भुला दूँ
बेबफा समझकर,
भूल कर भी तू मुझको याद आती
बहुत है...
True , , , achha likha bhai , , :))
जवाब देंहटाएंWaah kya baat hai!
जवाब देंहटाएंBadhiyan Ankur !!
जवाब देंहटाएंWah! Wah! Wah! Bade meethi dard hay aapke kalam may! keep it up bro!
जवाब देंहटाएंbhaiya sonu nigam ka first wala gana wali feel wapas aa gayi thi
जवाब देंहटाएंचाहा कि तुझे भुला दूँ बेबफा समझकर,
जवाब देंहटाएंभूल कर भी तू मुझको याद आती बहुत है... Bahut Khoob... Aabhaar
Bahoot khoob :-)
जवाब देंहटाएंKar liya farebi pe bharosa Toh Kya kijey. Bevkuf thay hum Toh ab tumhey ab hum kuchh kaise kuch keh de.
जवाब देंहटाएंitna dukh bhara kyun likhtey ho
जवाब देंहटाएंबहुत खूब।
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