शुक्रवार, 27 जुलाई 2012

बहुत बुरी है भारत की मीडिया


बहुत बुरी है भारत की मीडिया,
सोनिया के हाथ बिक चुकी मीडिया,
राहुल के चर्चे खूब दिखाती,
अन्ना का अनशन छुपाती,
मुस्लिम की परेशानी खूब सुनाती,
हिन्दू को मरते भी देखने न जाती,
असाम का हाल उसने न दिखाया,
माया का सर कलम तो कुब दिखाया,
जहाँ होना चाहिए वहा न पहुँचती मीडिया,
सन्नी लिओन के घर की भी खबर रखती मीडिया,
बहुत बुरी है भारत की मीडिया......

मंगलवार, 24 जुलाई 2012

९ अगस्त आर या पार..

 पैदा हुआ है तू हिन्दुओं में भगवान् का एहसान मान,
कर देश के लिए कुछ ऐसा जिस से बड़े तेरा मान,
जिसने जनम दिया उसकी कोख का रख लेना मान,
क़र्ज़ उतारना है उसके दूध का देश को देके जान,
खा लो कसम अब तुम करेंगे देश आज़ाद हम,
पापियों का कर देंगे हर तरीके से नाश हम,
देश का करेंगे अब खुद विकास हम,
देश के दुश्मनों से अब लड़ेंगे खुद हम,
९ अगस्त को एकजुट होके सडकों पे उतरेंगे हम,
ईंट से ईंट खंग्रेस की अब खुद बजायेंगे हम...

----- अंकुर गुप्ता  



सोमवार, 23 जुलाई 2012

चलो दिल्ली..


खाई है कसम हमने अब मिटायेंगे करप्शन को,
खाई है कसम हमने अब मिटायेंगे करप्शन करने वालों को,
खाई है कसम हमने अप मितादेंगे देश के दुश्मनों को,
कहदो सब देश के दुश्मनों से २५ जुलाई को तैयार रहें,
बाँध कर आयेंगे हम कफ़न लड़ने को वो तैयार रहें,
कसम खाई है इस बार आर होगा या पार,
या तो हम मारेंगे या करप्शन का होंगा बंता ढार,
अब देख्लेंगे किस्मे है कितना दम,
बहुत सह लिया और बहुत चुप रह लिए हम...

९ तारीक को चलो दिल्ली...

गुजरात VS अन्य प्रदेश

आज टहलने गए थे जब हम तो हमारी मुलाकात एक इंसान से हुई जो हमारे यहाँ के ही रहने वाले है बुत गुजरात में बिज़नस करते हैं, उनसे बात चीत के दौरान पता चला की गुरात क्यूँ दिन पर दिन तरक्की कर रहा है बाकि के प्रदेशों के मुकाबले तो वही कुछ चेज्जों को आपके सामने ला रहा हूँ...

१. मोदी जी ने वह हर बड़े आदमी और छोटे आदमी का एक सामान अधिकार दिए हैं चाहे वो बिज़नस से सम्बंधित हो या किसी और चीज़ से जबकि और प्रदेशों में इसका उल्टा होता है सबको एक सामान अधिकार नहीं हैं जिस से बड़ा आदमी तो बड़ा होता जा रहा है और छोटा आदमी छोटा..

२. गुजरात में जब पुलिस की भर्ती होती है तब वहां रिश्वत नहीं ली जाती इसलिए वहां के पुलिस वाले इमानदार है उनकी सोच है ये की जब उन्होंने कुछ दिया नहीं है तो वो ले क्यूँ, और अन्य प्रदेशों में इसका उल्टा है वहां भर्ती के समय रिश्वत ली जाती है इसलिए जब पुलिस वाला नौकरी करने आता है तो वो ये सोचके आता है की पहले जो पैसे मैंने रिश्वत में दिए हैं वो कमाने हैं और फिर रिश्वत खाने की आदत पद जाती है..

३. वहां किसी कालोनी का मेम्बर ये नहीं सोचता की मुझे जो नगर पालिका से पैसे मिलेंगे उस से मई अपना पेट भरूँगा अपना बैंक अकाउंट भरूँगा वो सोचता है की मैं अपनी कालोनी का विकाश करूँगा जब पूरी कालोनी बिकसित होगी तो मैं भी विकसित होउंगा बिलकुल ऐसी ही सोच वहां के चेयरमेंन की भी होती है जबकि अन्य प्रदेश में उल्टा है वो लोग अपना बैंक अकाउंट भरना चाहते हैं..

४. गुजरात का प्रशाशन इतना शख्त है की वहां गलत काम करने वाले पुलिस से डरते हैं, और अन्य प्रदेशों में पुलिस के पास वक़्त पे पैसा पहुच जाता है और गलत काम करने की छुट मिल जाती है कहने का मतलब है की वह की पुलिस किसी गुंडे से कम नहीं है..

५. वहां का बड़ा आदमी छोटे लोगों से और गरीबों से जलता नहीं है न उन्हें बुरी नजर से देखता है वो चाहता है की वो तरक्की करे, और अन्य प्रदेश के ज्यादातार अमीर लोग येही चाहते है की गरीब लोग गरीब ही रहे वो अमीर न हो जाएँ..  


और भी बहुत से चीज़ ऐसी है जो आप लोग खुद दिन रात सोचते और देखते हैं...
अब हम आपको सोचना चाहिए की हमें क्या करना है...

रविवार, 22 जुलाई 2012

अब हैं तैयार हम...

अब हैं तैयार हम,
खान्ग्रेस को मिटायेंगे अब हम,
सोनिया को साफ़ करेंगे अब हम,
राहुल का वहिसकार करेंगे अब हम,
अब हैं तैयार हम, 
बीजेपी को लायेंगे केंद्र में अब हम,
मोदी को बनायेंगे पी. एम्. अब हम,
देश का करेंगे अब विकास हम,
अब हैं तैयार हम,
कसब को लटकायेंगे फंसी पे हम,
देशद्रोहियों का करेंगे नाश हम,
देश को बनायेंगे अब साफ़ हम,
अब हैं तैयार हम...