शनिवार, 19 जनवरी 2013

अपने साथ अपना सब कुछ ले जा...


जुदा हुए ही थे तो मेरे दिल को भी साथ ले जा ,
मेरे इन प्यासे लबों से अपनी मिठाश भी ले जा,
चल और छोड़ आ मुझे कहीं घने जंगलों में,
ये धूप छाँव जैसी धुंधली आस भी ले जा,
मैं प्यासा हूँ बस तेरे प्यार के एक पल का,
अब जमी हुई मेरे होठों की प्यास भी ले जा,
मेरे कदम कदम पर सुहाने पलों की यादें है,
अब इन यादों से भरा ये इतिहास भी ले जा,
सांस सांस में खटकेगा तेरे ना होने का एहसास,
फिजा में बिखरी हुई अपनी खुसबू भी ले जा... 

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