बुधवार, 7 नवंबर 2012

आज की लिखी हुई कुछ चुनिंदा शायरियाँ....


कभी फुर्सत जो नसीब हो तो आके देखना मेरा हाल
तुझ बिन जीना मरने से भी बत्तर है.......


माना कि वक़्त नहीं है हमारे पास तुम्हे देने के लिए अभी
लेकिन ये भी सोचो ज़माना भूल जाते हैं जब तुम याद आते हो....


हमें वो छोड़ गए इस कदर ना आते हैं कहीं नजर, 
शायद हम मर जाए अब ख़त्म हो रही है मेरी उमर..


तू आँखें बंद करे तो मैं आऊँ तुझे नजर
कुछ इस तरह मैं तेरे दिल में उतरना चाहता हूँ....


हम अपने दुखों की नुमाइश नहीं किया करते हैं, 
बस अन्दर ही अन्दर बिखर जाया करते हैं....



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