सोमवार, 5 नवंबर 2012

प्यार एक दर्द ....


गलती रही हमारी जो हमने उसे आजमाया नहीं,
जितना प्यार किया उसे कभी उतना पाया नहीं,
रोते हैं आज हम ये सोचकर कि अब वो मेरा नहीं,
जीते हैं सोचकर कि मेरी किस्मत में मोहब्बत नहीं,
ऊपर जाके लेंगे भगवान् से अपने दुखों का जबाब,
क्या मेरी ही किस्मत नहीं था किसी क्या प्यार,
भगवान् भी कहेगा कि ये तो अक्सर होता ही है,
जिस से ज्यादा प्यार हो वो दूर होता ही है .....

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