तेरे साथ बिताये वक़्त की यादें मिटाऊं कैसे,
तू ही
बता तुझे अब मई भुलाऊं कैसे,
हमेशा
जलती थी तेरे इंतज़ार की लो इन आँखों में,
अब इस
दिए की रौशनी मै बुझाऊं कैसे,
कभी
तुम ही कहा करते थे कि अकेले जिंदगी काटना मुस्किल है,
अब ये
बात मै अपने आप को समझाऊं कैसे,
पहले
तो तुम आ गए इतने करीब कि दो जिस्म एक जान बन गए,
अब तुम्हे
अपने से दूर भगाऊं कैसे,
बस गई
है यादें मेरे दिल में तेरी इस कदर,
अब तू
ही बता कि अपने दिल को खाली कर पाऊं कैसे..
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