सोमवार, 5 नवंबर 2012

फिर चले जाना.....


अभी आये हो ठहरो चले जाना,
दो पल वितालो हमारे साथ फिर चले जाना,
अभी तो नजरों की हसरत पूरी नहीं हुई है,
दिल की कोई बात पूरी नहीं हुई है,
अरमानों की सौगात लेके आया हूँ,
वो ले लो फिर चली जाना,
हवाओं में खुशबू घुलने लगी है,
कलियों की शोखी खुलने लगी है,
बहार को आ जाने दो फिर चली जाना,
मन! की तुम्हारे पास वक्त नहीं है,
फिर भी थोड़ा वक्त हमें दे दो फिर चली जाना,
माना की हम तुम्हारे लिये जरूरी नही,
पर हमारे लिये तुम जरूरी बहुत हो,
ये दिल की धड़कन बंद हो जाये फिर चली जाना,
कहा जा रही हो इस कदर अपना मुँह मोड़कर,
दफन हो जाने दो फिर शौक से चली जाना..... 

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