आजाओ हम तुम्हें दुनिया के उस पार ले चले
जहाँ न कोई तेरा हो, न कोई मेरा हो
खामोश फिजाए हो, गुमसुम एक सवेरा हो
बंद न हो कोई भी दरवाजा वहां हमारे लिए
जहाँ प्यार ही कश्ती हो, प्यार ही किनारा हो
बरसता हो जहाँ पानी भी आगोश में भरने को
तडपती रुह को मस्ती मे मदहोश करने को
जहाँ कोई गम हो न ही कोई बंदिशें हो वहां
बह रही हो सर्द हवाएं बेकाबू करने को
जहाँ प्यार ही कश्ती हो, प्यार ही किनारा हो
गरज रहे हो बदल, गरजे महबूब का मन
न चैन आए मन को मेरे, बस दिल बेसबर हो
खो जाए हम इस कदर एक दुसरे की चाहत में
न सुबह का पता चले , न रात की कबर हो
जहाँ प्यार ही कश्ती हो, प्यार ही किनारा हो
खिल रहे हो फूल, शमा और रंगीन करने को
तड़पती साँसों को अपने आगोश में भरने को
खूबसूरत लहलहाती वादियाँ हो जहाँ
खिलते मौसम में डुबी बहारों की सरगम हो
जहाँ प्यार ही कश्ती हो, प्यार ही किनारा हो
जहाँ न कोई तेरा हो, न कोई मेरा हो
खामोश फिजाए हो, गुमसुम एक सवेरा हो
बंद न हो कोई भी दरवाजा वहां हमारे लिए
जहाँ प्यार ही कश्ती हो, प्यार ही किनारा हो
बरसता हो जहाँ पानी भी आगोश में भरने को
तडपती रुह को मस्ती मे मदहोश करने को
जहाँ कोई गम हो न ही कोई बंदिशें हो वहां
बह रही हो सर्द हवाएं बेकाबू करने को
जहाँ प्यार ही कश्ती हो, प्यार ही किनारा हो
गरज रहे हो बदल, गरजे महबूब का मन
न चैन आए मन को मेरे, बस दिल बेसबर हो
खो जाए हम इस कदर एक दुसरे की चाहत में
न सुबह का पता चले , न रात की कबर हो
जहाँ प्यार ही कश्ती हो, प्यार ही किनारा हो
खिल रहे हो फूल, शमा और रंगीन करने को
तड़पती साँसों को अपने आगोश में भरने को
खूबसूरत लहलहाती वादियाँ हो जहाँ
खिलते मौसम में डुबी बहारों की सरगम हो
जहाँ प्यार ही कश्ती हो, प्यार ही किनारा हो
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