गुरुवार, 24 जनवरी 2013

खुद को मिटाने वाले थे...


वो बहुत लडे हैं हमसे जो बड़े नाम वाले थे,
पर हम उसका दर छोड़ कर कहाँ जाने वाले थे,
हमने तो मोहब्बत निभाने की कसम खाई थी,
क्या थी खबर वो बीच रास्ते से जाने वाले थे,
आरज़ू उन्हें पाने की हमारे दिल में ही रह गयी,
साजिस थी उनकी हमारा दिल भी जलाने वाले थे,
बहुत कोशिश की सबने और तौहीन भी की है,
पर हमारे अन्दर हुनर सब दीवाने वाले थे,
अच्छा हुआ वो जल्द ही किसी और के हो गए,
वरना हम उनकी चाहत में खुद को मिटाने वाले थे...

8 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छी कविता। प्रकाशनीय है।

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  2. bohot khoob ankur jee... toote dil ki aap feelings bohot hi acchi tarah se apne writing mein carve karte h :)

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