बुधवार, 4 अप्रैल 2012

भूलो सभी को मगर ,माँ- बाप को भूलना नहीं!

भूलो सभी को मगर ,माँ- बाप को भूलना नहीं!
उपकार अनगिनित है उनके,इस बात को भूलना नहीं!!
पत्थर पूजे कई तुम्हारे,जन्म के खातिर बेटे प्यारे!
पत्थर बन माँ-बाप का, दिल कभी कुचलना नहीं!!
मुख का निवाला दे बेटे,जिन्होंने तुम्हे बड़ा किया!
अमृत पिलाया तुमको, जहर उनके लिए उगलना नहीं!
कितना किया तुम्हे प्यार,सब अरमान भी पुरे किये!
पुरे करो अरमान उनके,बात यह बेटे भूलना नहीं!!
लाखो कमाते हो भले,माँ-बाप के आशीर्वाद से ज्यादा नहीं!
सेवा बिना सब राख है, घमंड में कभी फूलना नहीं!!
संतान से गर सेवा चाहो,संतान बन सेवा करो!
जैसी करनी वैसी भरनी,न्याय यह कभी भूलना नहीं!!
सोकर स्वयं गीले में,सुलाया तुम्हे सूखी जगह !
माँ की ममतामयी आँखों को,भूलकर भी कभी भिगोना नहीं!!
जिसने बिछाय फूल थे,हर दम तुम्हारी राहों में!
उस रहवर की राह के,कांटे कभी बनना नहीं!!
धन तो मिल जायगा,मगर माँ-बाप क्या मिल पायगे?
पल-पल पावन उन चरण की,चाह कभी भूलना नहीं!!





------माँ-बाप के चरणों में कोटि-कोटि नमन-------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें