शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

मेरे पिता


मुझे ईश्वर का वरदान हैं मेरे पिता,
मेरे लिए धूप में छावं है मेरे पिता,
मेरे वजूद का नाम है मेरे पिता,
मेरी धड़कन मेरी जान हैं मेरे पिता,
तूफानों में मेरी कश्ती है मेरे पिता,
वाड़ में मेरी नाव है मेरे पिता,
दुश्मनों के आगे मेरी ढाल है मेरे पिता,
मेरे लिए माफ़ी का सागर है मेरे पिता,
सही मार्ग बतलाते हैं हरदम मेरे पिता,
मेरे लिए मेरी जान है मेरे पिता,
क्यूंकि मेरे लिए भगवान् हैं मेरे पिता....

गुरुवार, 8 नवंबर 2012

क्या हो गया...


टूट गया वो रिश्ता जो मेरा उसकी रूह से था,
छुट गया वो बंधन भी जो मेरी सांस से था,
बता के भी ना गया वो मुझसे क्यूँ नाराज था,
कह के चला गया ये रिश्ता ही बेबुनियाद था,
पहले वो मुझसे इस कदर मोहब्बत करता था,
चोट मुझे लगती थी और रोया वो करता था,
पता नहीं वक़्त की वो कैसी आंधी चली,
पता नहीं अचानक उसको ऐसा क्या हो गया,
वो मुझसे इस बहुत ही ज्यादा खफा हो गया,
वक़्त गुजरते गुजरते एक दिन ऐसा भी आया,
वो मुझे कहके अलविदा किसी और का हो गया..

बुधवार, 7 नवंबर 2012

आज की लिखी हुई कुछ चुनिंदा शायरियाँ....


कभी फुर्सत जो नसीब हो तो आके देखना मेरा हाल
तुझ बिन जीना मरने से भी बत्तर है.......


माना कि वक़्त नहीं है हमारे पास तुम्हे देने के लिए अभी
लेकिन ये भी सोचो ज़माना भूल जाते हैं जब तुम याद आते हो....


हमें वो छोड़ गए इस कदर ना आते हैं कहीं नजर, 
शायद हम मर जाए अब ख़त्म हो रही है मेरी उमर..


तू आँखें बंद करे तो मैं आऊँ तुझे नजर
कुछ इस तरह मैं तेरे दिल में उतरना चाहता हूँ....


हम अपने दुखों की नुमाइश नहीं किया करते हैं, 
बस अन्दर ही अन्दर बिखर जाया करते हैं....



मंगलवार, 6 नवंबर 2012

उनके बिना जिंदगी ...


खता एक मेरे दिल ने की है,
उनसे बेपनाह मोहब्बत की है,
रहे अगर वो नजरों के सामने,
तो मेरी जिंदगी जिंदगी सी है,
उसके बिना जीना पड़े अगर,
तो जिंदगी जहन्नुम सी है ...

दिल भरके देखलूं उसको मैं,
तो मेरी जिंदगी में खुशियाँ हैं ,
अगर नजर ना आये मुझे वो,
तो जिंदगी एक इन्तजार सी है,
बनके रहे वो बस मेरा ही हमेशा,
बस अब यही एक हसरत है मेरी,

अगर भगवान् को मंजूर नहीं मिलना,
तो मुझे मंजूर उसके प्यार में मरना,
क्यूंकि बिना उनके प्यार के जिंदगी,
बिन पानी के तड़पती मछली सी है ..

सोमवार, 5 नवंबर 2012

मेरी माँ....



मेरे लिए भगवान् है मेरी माँ,

बहुत ही महान है मेरी माँ,
उनसे ही है जीवन मेरा,
उनके चरणों में स्वर्ग है मेरा,
संस्कार भी मैंने उनसे लिए,
अच्छा बुरा भी उनसे सीखा,
चिंता मेरी बहुत वो करती,
रोज मेरे लिए दुआएं करती,
पहले मुझको खाना खिलाती,
बाद में बचता तब वो खाती,
अगर मैं बीमार हो जाता,
मुझे देख वो रो जाती,
माँ बिन मेरा जीवन अधूरा,
वो है साथ तो सब कुछ पूरा....


--- अंकुर गुप्ता 

माँ की ममता....


सबसे बड़ा सुकून है माँ की गोदी में सर रख सोने में,
आंसू भी मोती बन जाते माँ के गले लग के रोने में,
मेरी माँ बहुत है प्यारी इस दुनिया में सबसे न्यारी,
मुझसे प्यार बहुत वो करती कभी कभी गुस्सा दिखलाती,
जब कभी मैं रो जाता हूँ तो मुझको वो बहुत हसाती,
जब कभी चोट मुझको लगती फुट - फुट कर वो है रोती,
मैं भी उनको बहुत सताता इससे प्यार और बड़ जाता,
कभी कभी मुझको मार वो देती बाद में खुद वो रोती,
इसे कहते माँ की ममता इस सा जग में कोई ना दूजा.... 

छेड़ दो भ्रष्टाचार के खिलाफ कोहराम....


कब तक बैठ कर करोगे बीबी बच्चों के साथ घर में आराम,
वक़्त है अभी भी छेड़ दो भ्रष्टाचार के खिलाफ कोहराम,
क्यूँ लहू लुहान होने दे रहे हो भारत माता का चीर,
क्या ऐसे ही हस्ते हस्ते सहते हो घर बैठी माँ की पीर,
करो उनको याद जो लादे तुम्हे आजादी दिलाने के लिए,
क्या अब तुम खुद नहीं लड़ सकते अपनी आजादी के लिए,
वक़्त आ चुका है छेड़ दो काले अंग्रेजों के खिलाफ इन्कलाब,
मांगे अगर खून भी तो हसके करो खुद को कुर्बान,
आज से मानवता को ही बनाओ अपना ईमान,
लड़ो मानवता के लिए रख के दिल में देश के लिए सम्मान,
बहुत लूट लिया इन भ्रस्त लोगों ने हमारा देश और आराम,
कर दो अब जीना मुस्किल इनका और जिंदगी हराम..
वक़्त है अभी भी छेड़ दो भ्रष्टाचार के खिलाफ कोहराम.....

जय हिन्द

सब कुछ हैं माँ-बाप ....


मुझसे किसी ने पूछा दिल का मतलब,
मैंने कहा ठिकाना मेरे माँ-बाप का,
मुझसे किसी ने पूछा धूप का मतलब,
मैंने कहा परेशान हो जाना मेरे माँ-बाप का,
मुझसे किसे ने पूछा शाम का मतलब,
मैंने कहा खुश हो जाना मेरे माँ-बाप का,
मुझसे किसी ने पूछा क़यामत क्या है,
मैंने कहा रूठ जाना मेरे माँ-बाप का,
मुझसे किसी ने पूछा की मौत क्या है,
मैंने कहा जुदा हो जाना माँ-बाप का....

माँ बाप का क़र्ज़ चुका के जायेंगे...


क्यूँ कहते हैं माँ बाप भूल जाओ अपना प्यार,
क्यूँ नहीं समझते बच्चों को उनकी जरुरत है प्यार,
बड़ी आसानी से कह देते हैं चुनलो किसी एक को,
क्यूँ नहीं समझते मुश्किल होता है छोड़ना एक को,
जब माँ बाप नहीं रह सकते बच्चों के बिना,
तो बच्चे कैसे रह पायेंगे अपने प्यार के बिना,
हो जाते हैं बच्चे दूर कर देते हैं इतना मजबूर,
अजीब है ये दुनिया और इसके दस्तूर,
समझ नहीं आता अब क्या कर गुजरें हम उनके प्यार में,
कर ना पायें कुछ तो मार जाएँ उनके प्यार में,
फिर सोचते हैं मरने से क्या होगा हासिल,
ना वो जी पायेंगे ना हम मर पायेंगे,
फिर याद आया माँ बाप का क़र्ज़ उतारना है,
मरते दम तक हर हाल में उनका साथ निभाना है,
तभी लिया फैसला उनका हर क़र्ज़ चुकायेंगे,
उनके दुखों को अपने दुखों से धो जायेंगे,
रह लेंगे प्यार के बिना जब तक रह पायेंगे,
इस तरह घरवालों की नजर में तो अच्छे बन जायेंगे,
समझ लेंगे वो हमें बेबफा फिर भूल जायेंगे,
शायद किसी और के साथ वो बहुत खुश रह पायेंगे,
उन्हें देख किसी और के साथ हम जेते जी मर जायेंगे,
फिर देख सबको खुश हम अपनी जिंदगी जी जायेंगे,
अपनी इस बेजान जिंदगी को मूल्यवान बना कर जायेंगे,
अपने माँ बाप का हर दुःख हर के ले जायेंगे,
माँ बाप के प्रति अपना हर फ़र्ज़ निभा कर जायेंगे..

भूलो सभी को मगर ,माँ- बाप को भूलना नहीं!


भूलो सभी को मगर ,माँ- बाप को भूलना नहीं!
उपकार अनगिनित है उनके,इस बात को भूलना नहीं!!
पत्थर पूजे कई तुम्हारे,जन्म के खातिर बेटे प्यारे!
पत्थर बन माँ-बाप का, दिल कभी कुचलना नहीं!!
मुख का निवाला दे बेटे,जिन्होंने तुम्हे बड़ा किया!
अमृत पिलाया तुमको, जहर उनके लिए उगलना नहीं!
कितना किया तुम्हे प्यार,सब अरमान भी पुरे किये!
पुरे करो अरमान उनके,बात यह बेटे भूलना नहीं!!
लाखो कमाते हो भले,माँ-बाप के आशीर्वाद से ज्यादा नहीं!
सेवा बिना सब राख है, घमंड में कभी फूलना नहीं!!
संतान से गर सेवा चाहो,संतान बन सेवा करो!
जैसी करनी वैसी भरनी,न्याय यह कभी भूलना नहीं!!
सोकर स्वयं गीले में,सुलाया तुम्हे सूखी जगह !
माँ की ममतामयी आँखों को,भूलकर भी कभी भिगोना नहीं!!
जिसने बिछाय फूल थे,हर दम तुम्हारी राहों में!
उस रहवर की राह के,कांटे कभी बनना नहीं!!
धन तो मिल जायगा,मगर माँ-बाप क्या मिल पायगे?
पल-पल पावन उन चरण की,चाह कभी भूलना नहीं!!  

पल पल कहता है


पल पल कहता है हर पल,
आजा होजा मुझमे तू शामिल,
ना रहे दरमियाँ कोई दूरियाँ,
प्यार अपना देख जले ये दुनिया,
रूह तड़प उठे जब हम अलग हों,
एक मर जाये अगर दुसरे को कुछ हो,
कटे जिंदगी एक दुसरे की बाँहों में,
बिछ्ड़ें जो हम तो मिले राहों में,
दम भी मेरा निकले तेरी बाँहों में,
अब भगवान् से एक दुआ मेरी है,
अगला जन्म भी गुजरे तेरी पनाहों में...

प्यार एक दर्द ....


गलती रही हमारी जो हमने उसे आजमाया नहीं,
जितना प्यार किया उसे कभी उतना पाया नहीं,
रोते हैं आज हम ये सोचकर कि अब वो मेरा नहीं,
जीते हैं सोचकर कि मेरी किस्मत में मोहब्बत नहीं,
ऊपर जाके लेंगे भगवान् से अपने दुखों का जबाब,
क्या मेरी ही किस्मत नहीं था किसी क्या प्यार,
भगवान् भी कहेगा कि ये तो अक्सर होता ही है,
जिस से ज्यादा प्यार हो वो दूर होता ही है .....

दूर हो गए वो....


सब रिश्ते अब टूट के चूर हो गए,
जब वो मेरी जिंदगी से दूर हो गए,
सोचा भी न उसने कि हम कैसे जी पायेंगे,
चल दिए ये कहकर कि अब साथ ना दे पायेंगे,
मैंने कहा ये बता जाओ गुनाह मैंने क्या किया,
उसने कहा कि सोचलो तुम्हारे साथ ना जी पायेंगे,
उसने कहा अब हम जा रहे किसी और के पास,
हमने कहा चले जाना जब हम राख हो जायेंगे... 

वो नहीं आया....


मुद्दत हुई वो इन आँखों को रुलाने नहीं आया,
मेरे इन होठों कि प्यास बुझाने नहीं आया,
कहता था रहेंगे हम सदा तुम्हारी बाँहों में,
अब मैं तनहा हूँ और वो गले लगाने नहीं आया,
कहता था कि जब भी अकेले होगे मुझे राहों में पाओगे,
अकेले पड़ गए हैं हम आज वो साथ निभाने नहीं आया,
कहता था जब भी सोना चाहोगे मेरे काँधे को पाओगे,
उठ चली आज मेरी अर्थी वो कंधा देने नहीं आया....

कुछ इस तरह से उसे प्यार ....


कुछ इस तरह से उसे प्यार करना पड़ता है,
कि उसे प्यार से इनकार करना पड़ता है,
और कभी कभी वो इतना करीब होता है,
कि खुद को दीवार करना पड़ता है,
इस तरह से आके वो लगता है सीने से,
कि खुद को हमेशा बीमार करना पड़ता है,
कहीं रूह में ना हो जाये वो मेरी शामिल,
इसलिए हरदम अपने को लाश करना पड़ता है...

मौत के नाम कर गया ...


वीरान मेरी सुबह शाम कर गया,
जबसे वो मुझको आखिरी सलाम कर गया,
फूलों के तोहफे जो दिया करता था मुझको,
वो आज काँटों की झाडी मेरे नाम कर गया,
जाने नहीं देता था जो मुझको शराब पीने,
आज वो खुद मुझको दारु के नाम कर गया,
लड़ते थे हर अपनों से भी जिसकी खातिर,
वो आज मुझे गैरों के नाम कर गया,
हसते थे जिसे हम अक्सर खुश देख कर,
देखो आज वो मेरा क्या अंजाम कर गया,
कहता था जो मुझको सभी के सामने अनमोल,
आज वो मुझको कौड़ियों के दाम कर गया,
जिसमे बस्ती थी मेरी खुद की जान,
आज वो ही मुझे बेजान कर गया,
दिया था हमने जिसे जिंदगी नाम,
आज वो ही हमने मौत के नाम कर गया...

कि काश कभी ऐसा हो जाये..


काश कभी ऐसा हो जाये,
उसे भी मुझसे प्यार हो जाये,
रह न पाए वो मेरे बिना एक पल,
इतना उसका प्यार बड़ जाये,
रहेंगे फिर हम दोनों एक साथ,
जैसे होता है जिस्म और जान,
कि काश कभी ऐसा हो जाये..

झलेंगे सुख दुःख एक साथ,
काटेंगे हम पूरी जिंदगी एक साथ,
जुदा न होंगे कभी हम एक दूसरे से,
करीब रहंगे हमेशा एक दूसरे के,
कि काश कभी ऐसा हो जाये....

निकले जान हमारी उनकी बाँहों में,
टपके उनके आंसू मेरे चेहरे पे,
फिर हम कहेंगे उनसे रो मत,
अगले जनम में फिर हमें मिलना है,
जो ना कर पाए हैं अब तब करना है,
कि काश कभी ऐसा हो जाये...

फिर हमें दूसरा जनम मिल जाये,
जनम जन्मों के लिए वो मेरा हो जाये,
कि काश कभी ऐसा हो जाये.....

वो नही है मेरा...


वो नही है मेरा मगर हमें उस से मोहब्बत है तो है,
य़े अगर रसमों रिवाजों से वगावत है तो है,
सच को मैंने सच कहा जब कह दिया तो कह दिया,
अब जमाने की नजर में य़े हकीकत है तो है,
दोस्त बनकर दुशमनों सा वो सताता है मुझे,
फिर भी उस जालिम पे मरना मेरी फितरत है तो है,
कब कहा मैंने की वो मिल जाए मुझको,
उसकी बाहों में दम निकले य़े हसरत है तो है,
वो साथ है मेरे तो जिंदा हूँ मैं,
मेरी सासों को उसकी जरूरत है तो है ... 

भुलाऊं कैसे..


तेरे साथ बिताये वक़्त की यादें मिटाऊं कैसे, 
तू ही बता तुझे अब मई भुलाऊं कैसे, 
हमेशा जलती थी तेरे इंतज़ार की लो इन आँखों में, 
अब इस दिए की रौशनी मै बुझाऊं कैसे, 
कभी तुम ही कहा करते थे कि अकेले जिंदगी काटना मुस्किल है, 
अब ये बात मै अपने आप को समझाऊं कैसे, 
पहले तो तुम आ गए इतने करीब कि दो जिस्म एक जान बन गए, 
अब तुम्हे अपने से दूर भगाऊं कैसे, 
बस गई है यादें मेरे दिल में तेरी इस कदर, 
अब तू ही बता कि अपने दिल को खाली कर पाऊं कैसे..

खफा ही रहने दो...


वो खफा है मुझसे तो खफा ही रहने दो,
मुझे उसका गुनेहगार ही रहने दो,
वो समझते है मैंने छोड़ दिया उसको,
बात तो झूट है मगर सच ही रहने दो,
मुद्त्तों मांगी है खुदा से खुशियाँ उसकी,
जो आता है इलज़ाम तो इलज़ाम ही रहने दो,
उसकी शर्त है कि में बेबफा बनूँ,
अगर खुसी मिले उसे तो मुझे बेबफा ही रहने दो,
आएगा वक़्त तो दिखाऊंगा उसे अपना ज़ख़्म,
अभी खामोश हूँ खामोश ही रहने दो...