खता एक मेरे दिल ने की है,
उनसे बेपनाह मोहब्बत की है,
रहे अगर वो नजरों के सामने,
तो मेरी जिंदगी जिंदगी सी है,
उसके बिना जीना पड़े अगर,
तो जिंदगी जहन्नुम सी है ...
दिल भरके देखलूं उसको मैं,
तो मेरी जिंदगी में खुशियाँ हैं ,
अगर नजर ना आये मुझे वो,
तो जिंदगी एक इन्तजार सी है,
बनके रहे वो बस मेरा ही हमेशा,
बस अब यही एक हसरत है मेरी,
अगर भगवान् को मंजूर नहीं मिलना,
तो मुझे मंजूर उसके प्यार में मरना,
क्यूंकि बिना उनके प्यार के जिंदगी,
बिन पानी के तड़पती मछली सी है ..
Bohot khoob ankur ji... full time poet ban jaiye :-)
जवाब देंहटाएंआपका कोटि कोटि धन्यबाद
हटाएंआपका कोटि कोटि धन्यबाद
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंGood poem.
जवाब देंहटाएंBahut Khoob !! Ankur ji
जवाब देंहटाएंधन्यबाद रूपक जी.....
हटाएंvery nice bhai.
हटाएंati sunder ankur ji
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