टूट गया वो रिश्ता जो मेरा
उसकी रूह से था,
छुट गया वो बंधन भी जो मेरी
सांस से था,
बता के भी ना गया वो मुझसे क्यूँ
नाराज था,
कह के चला गया ये रिश्ता ही
बेबुनियाद था,
पहले वो मुझसे इस कदर मोहब्बत
करता था,
चोट मुझे लगती थी और रोया वो
करता था,
पता नहीं वक़्त की वो कैसी
आंधी चली,
पता नहीं अचानक उसको ऐसा क्या
हो गया,
वो मुझसे इस बहुत ही ज्यादा
खफा हो गया,
वक़्त गुजरते गुजरते एक दिन
ऐसा भी आया,
वो मुझे कहके अलविदा किसी और
का हो गया..
बहुत सुंदर .... लाजवाब !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ..!
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता है। कारण का पता लगाइए कि ऐसा क्यों हुआ?
जवाब देंहटाएंउसकी अब जरूरत नही है
हटाएंBahut hi badiya
जवाब देंहटाएंTumhari rachnayen seedha dil mein utarti hai
जवाब देंहटाएंधन्यबाद
हटाएं